लेखनी कहानी -06-Apr-2022 पैरोडी संसार
आज मेरी तनया इति श्री का जन्म दिन है । इस दिन को खास बनाने के लिए मैंने एक गीत की पैरोडी बनाकर सबके सामने उसे सुनाई । सबको बहुत पसंद आई । उम्मीद है कि आपको भी पसंद आएगी ।
पैरोडी : झूमता सावन देखो आया
बरखा ने प्यार बरसाया
दिल की उमंगें क्या रंग लाई
मेरे घर भी इक परी आई
हो हो दिल की उमंगें क्या रंग लाई
मेरे घर भी इक परी आई
खुशियों ने डेरा डाला , घर में हुआ उजाला
मुस्कानों ने ली अंगड़ाई, मेरे घर भी इक परी आई
हो हो दिल की उमंगें क्या रंग लाई
मेरे घर भी इक परी आई
अधूरे से थे हम दोनों खाली खाली सा था आंगन
तेरे आने से दिल की , गाने लगी हर धड़कन
घर मेरा रोशन हुआ , मेरा प्रमोशन हुआ
मिल गई जमाने की खुदाई, मेरे घर भी इक परी आई
हो हो दिल की उमंगें क्या रंग लाई , मेरे घर भी इक परी आई
गुलशन की तू है कली किस्मत से मेरे घर खिली
खुशबू से महका घर मेरा अब तू ससुराल चली
तेरा जहां हो डेरा , खुशियों का हो बसेरा
जल्दी हो तेरी गोद भराई , मेरे घर भी इक परी आई
हो हो दिल की उमंगें क्या रंग लाई मेरे घर भी इक परी आई
खुशियों ने डेरा डाल, घर में हुआ उजाला
मुस्कानों ने ली अंगड़ाई, मेरे घर भी इक परी आई
मेरे घर भी इक परी आई
मेरे घर भी इक परी आई ।
हरिशंकर गोयल "हरि"
30.6.22
shweta soni
02-Jul-2022 10:57 AM
Nice
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Raziya bano
02-Jul-2022 09:23 AM
Nice
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Abhinav ji
02-Jul-2022 08:00 AM
Very nice
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